नई दिल्ली । कोरोना काल में शिवराज सरकार के गठन के बाद अब गुरुवार को कैबिनेट विस्तार भी हो गया । इस दौरान कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमें के 14 विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलवाई गई । कांग्रेस के इन विधायकों को मंत्री पद दिए जाने के थोड़े ही देर बाद अब विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं । पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री सुहास भगत और पार्टी प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे को अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए एक चिट्ठी लिखी है । उमा भारती ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि कि मंत्रिमंडल विस्तार में उनकी सिफारिशों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया और इसी वजह से मंत्रियों की सूची में संशोधन किया जाना चाहिए ।
विदित हो कि सरकार गठन के दौरान शिवराज सिंह ने मात्र 6 मंत्रियों के साथ पद और गोपनीयता की शपथ ली थी । उसके बाद कोरोना के चलते और राज्यपाल लालजी टंडन की तबीतय खराब होने के चलते कैबिनेट विस्तार लटक गया था । इस सबके बीच शिवराज सिंह चौहान दिल्ली गए और उन्हें कैबिनेट विस्तार पर चर्चा करने के साथ ही नाम पर भी चर्चा की । इस दौरान आनंदी बेन पटेल को राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया।
इसके बाद गुरुवार को कैबिनेट विस्तार हुआ, जिसके बाद अब विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं । इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्य की वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती ने शिवराज सिंह को एक चिट्ठी लिखी है।
उमा भारती ने अपनी चिट्ठी में साफ-साफ लिखा है, "मुझे पीड़ा हुई क्योंकि कैबिनेट विस्तार के बारे में मेरे सभी सुझावों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया । मैं हिंदुत्व के लिए छह साल की उम्र से सक्रिय हूं, लेकिन मैंने पार्टी को एक महिला, ओबीसी और लोधी के रूप में अपनी स्थिति का उपयोग करने की अनुमति दी । 27 से 55 वर्ष की आयु में पार्टी ने मुझे विभिन्न पद दिए, जिसके लिए मैं आभारी हूं । लेकिन अब मेरे सुझावों को नजरअंदाज कर दिया गया । मुझे खुशी है कि कांग्रेस ध्वस्त हो गई है और सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन जहां तक मंत्रिमंडल विस्तार का सवाल है मेरे सभी सुझावों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया ।